शनिवार, 3 अक्तूबर 2009

राहुल की दलित बस्ती यात्रा का असर

राहुल गांधी के पास गांधी खानदान के होने के अलावा कोई पहचान नहीं थी॥लेकिन जब से उसने दलित बस्ती की यात्रा की है ....देश का एक लोकप्रिय नेता बन गया है....अब ये बात दूसरी पार्टियों को कैसे हजम होती कि....उनके दलित वोट बैंक में सेंध लगे...अब यूपी में तो मायावती रही...राजसी ठाट बाट वाली...उन्हें दलितों के घर जाना कहां सुहाता है...सो वो राहुल गांधी पर बयानबाजी में लगी रहीं....बयानबाजी से दलितों को अपने पक्ष में रखने की कोशिश कर रही हैं....राहुल गांधी के दलित प्रेम का असर बिहार में न पड़े...इससे आशंकित क्षेत्रिय दल पहले से ही तैयार हैं...औऱ खुद ही दलितों के घर जाने लगे हैं॥और खाना खाने लगे हैं....पहले लालू यादव पहुंचे अब रामविलास पासवान पहुंच रहे हैं...लेकिन इनका स्टाइल थोड़ा दूसरा है....राहुल गांधी जहां चोरी छुपे जाते हैं॥वहीं रामविलास पासवान अपने लाव लश्कर के साथ जाते हैं....और साथ में मीडिया को भी बुला लेते हैं॥ताकि बड़ी बड़ी फोटो छप सके॥और उनके दलित प्रेम को पूरे देश में देखा जाए...खैर छोडिए....राहुल गांधी के दलित बस्ती जाने का एक फायदा दलितों को तो जरूर हुआ है....कम से कम नेता उनके चौखट पर तो आने लगे....भले ही कुछ करें या न करें...पहले ही कहां कुछ करते थे....लेकिन अब जब धूप में घूमना पड़ेगा तो उन्हें कुछ तो लोगों की समस्याओं का अहसास होगा.....राहुल बाबा कोशिश जारी रखअ....कोशिश जरूर रंग लाई....अउरू केहु खाते नहीं लेकिन कांग्रेस के नईया जरूर पा लागी...

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